Sunday, January 12, 2014

आज

कुछ पंक्तियाँ समर्पित है मेरे दूरदर्शी  और महत्वाकांझी दोस्तों के लिए।

कल के चक्कर में क्यों लगे  हो यारों आज,
कि  कल किये होते कुछ तो अच्छा होता आज।
या कल को बनाना है तो गंवाना होगा आज,
जब खो गया होगा कल तो क्या मिल जायेगा  आज।
वो कल तुम्हारा नहीं है जिसके लिए बना रहे हो ताज़,
जो कुछ भी तुम्हारा है वो है सिर्फ आज।
कहता हूँ एक बात जो है जीवन का  राज,
कल कभी नहीं लौट के आएगा आज।
जो कल तुम ढूंढ रहे हो वो भी है आज,
जी लो रे भैया जी भर के जिंदगी आज,
जो भी है, वो सब है, केवल आज केवल आज॥

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